रहस्यमयी किताब

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Rahasyamayi Book

Rahasyamayi Book

ये कहानी है एक बहुत ही पुराने बंगले की जो गांव से दूर एक जंगल के किनारे पर बना हुआ था | बंगला काफी बड़ा और पुराना था | शायद ये बंगला किसी राजा महाराजा ने बनवायी हो | लेकिन अभी वहाँ पे कोई नहीं रहता और वहाँ पे किसी भी व्यक्ति का आना जाना भी नहीं था | आस पास के लोगों का कहना था की वहाँ पे भूत प्रेत का निवास है | कभी-कभी लोगों को कुछ डरावनी आवाजें भी सुनाई दिया करती थी | जिससे लोग डर जाते और वहाँ पे किसी को जाने की हिम्मत नहीं होती थी |

एक दिन की बात है उसी गांव का एक लड़का जिसका नाम रमेश था | वह उस बंगले में जाने का निश्चय किया अपने दोस्तों के साथ | गांव वालों को पता चला तो सब लोग उसे रोकने लगे | रमेश कुछ पुराने किताबों से तंत्र विद्या सीखा था थोड़ा बहुत तंत्र मंत्र जानता था उसे लगा ये हमारे काम आ सकता है | रमेश बहुत ही उत्साही और बहादुर लड़का था और वह इस बंगले का रहस्य जानना चाहता था | वह इस बंगले को भूतिया बंगला की कथाओं को नहीं मानता था | उसने लोगों को बताया की ऐसे ही किसी भी बंगले या मकान को भूतिया महल कैसे बताया जा सकता है | बिना किसी भी जानकारी के ऐसे ही नहीं बोल सकते | हमें इसका रहस्य जानना चाहिए और हम अपने दोस्तों के साथ जा रहे है इसका पता लगाने | और रमेश अपने दोस्तों के साथ चल दिया उस महल के तरफ |

रमेश अपने दोस्तों के साथ उस बंगले के पास पहुंच जाता है | बंगले का दरवाजा बंद था रमेश अपने मंत्र से दरवाजा खोल देता है और दोस्तों के साथ बंगले में दाखिल हो जाता है | सारे दोस्त बंगले के अंदर का नजारा देख के डर जाते है | बंगला काफी पुराना होने के कारण दीवारों में दरारें पड़ गयी थी | जिससे दिवार पे बनी कलाकृतियां अत्यधिक डरावनी लग रही थी | और बंगले में कही कही काफी अँधेरा भी था | कही से कुछ हल्की सी आवाज आने लगा सभी साहस के साथ थोड़ा आगे बढ़ते है और सभी बंगले के एक अत्यधिक सुन्दर एव बड़े से हाल में पहुंचते है और क्या देखते है वहाँ पे एक बहुत बड़ा सा तालाब था उसमे एक विशाल सा हंस था जो अपने परिवार के साथ पानी में तैर रहा था शायद आवाज यही से आ रही थी |

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थोड़े आगे जाने पे एक कोने में उन्हें एक पूरानी किताब दिखाई देती है जिसके ऊपर कुछ वर्णात्मक तंत्र के दृश्य बने होते है | रमेश उसे जैसे ही उठाता है पढ़ने के लिए दोस्त मना करते है उसे लेकिन वो नहीं मानता और किताब को लेकर पढ़ने लगता है | और जैसे ही किताब का एक पन्ना पलटता है वह एक अलग ही दुनिया में चला जाता है एक ऐसे विचित्र और चमत्कारी दुनिया मे जो हमारे दुनिया से बिलकुल ही अलग था | वह एक ऐसे जंगल में था जहाँ पे हर कोई बाते करता था पेड़ पौधे , जीव जंतु सब एक दूसरे की बात को भी समझ रहे थे और आपस में बाते कर रहे थे |

रमेश को बहुत ही अच्छा लगा | ये भी उन लोगों से बाते करने लगा धीरे-धीरे सभी रमेश के दोस्त बन गए | रमेश को वहाँ का वातावरण उसके मन को मोह लिया उसने नदी के किनारे एक सुनहरे महल को देखा वो भी अपने आपमें में एक रहस्य मय था | उस महल के घोड़े उड़ रहे थे चमत्कारी आईना से बाते कर सकते थे रमेश ने इन सभी चीजों को देखा सुना और महसूस किया फिर उसे एक जादुई कवच मिला जिसे मात्र छूने से उसे बुराई से लड़ने का साहस मिला और अब वह धीरे – धीरे अपने असल की दुनिया में आने लगा और ये कहानी अपने दोस्तों को भी बताता है सभी उसके दोस्त उस किताब को एक – एक करके छूटे है और उस चमत्कारी दुनिया का आनंद लेते है | और फिर आगे महल की ओर बढ़ते है |

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इस बंगले के मालिक का नाम राजा महेंद्र सिंह था | बंगले के पौधे और फूलो के बीचो-बीच एक दरबार था जो राजा महेंद्र सिंह का था | फूलो और पौधों के बिच बना ये दरबार आपने आप में बहुत सुन्दर लगता था | राजा महेंद्र सिंह का ये बगीचा बहुत ही सुन्दर, आकर्षण और रमणीय स्थल था | लेकिन यह भी एक बहुत बड़ा रहस्य था | रमेश और उसके दोस्तों ने इस बगीचे का रहस्य जानने का निश्चय किया और उस बंगले में दाखिल हो जाते है | और राजा महेंद्र सिंह से मिलने को बहुत ही उत्सुक होते है | थोड़े देर बाद वे सभी उस राजा महेंद्र सिंह से मिलते है उस बगीचे का भ्रमण करते है पूरे बगीचे का दर्शन करते है और उन्हें पता चलता है की इस बंगले और बगीचे की भूतिया कहानी सच नहीं है ये लोगों का भ्रम है | बल्कि यहां पर एक अद्भुत और चमत्कारिक जगह थी जो ये उनके दिलो को चूम रही थी | राजा महेंद्र सिंह ने उन सभी को बगीचे के अनमोल रहस्यों का पता चलाया | उन्हें बहुत ही अच्छा लगा अब उन्हें किसी भी प्रकार का कोई डर नहीं था वे सभी बहुत खुश थे |

अब काफी देर हो गई थी वे सभी इस रहस्य को जानने के बाद अब घर को वापस जाना चाहते थे | कुछ देर बाद वे सभी उस बंगले से बाहर निकलते है एक नई शक्ति के साथ और अपने घर की तरफ चल देते है घर जाते समय सभी प्रसन्न दिख रहे थे |
घर पहुंचते ही गांव के सभी लोग आते है और उस बंगले के बारे में जानने का जिक्र करते है | रमेश और उसके दोस्त सभी ने कहानी को विस्तार से बताते है | पूरी कहानी सुनने के बाद उस दिन से उन सभी ने ये निश्चय कर लिया की आज से हमें किसी भी चीज को उनकी भावनाओं और भूतिया कहानियों से अधिक महत्व नहीं देना चाहिए | उन सभी ने अपनी सोच को बदलकर अपने जीवन को सकारात्मक रूप में जीना शुरू कर दिया | ये भूतिया कहानी उनकी दृढ़ता, बहादुरी और साहस की कहानी है | जो उन्होंने बड़ी बहादुरी और साहस के साथ इस की सच्चाई का पता लगाया और वहाँ के लोगों भी बताया |

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