रॉन्ग नंबर वाली से प्यार
Rang Number vali se pyar part-1
एक बार की बात है एक गांव था । और गांव में बहुत ज्यादा लोग रहते थे उन्ही में एक दयाराम नाम का आदमी रहता था । और दयाराम अपने घर में अपने दो बेटे और अपनी पत्नी के साथ बहुत ही खुशहाल जीवन जी रहा था। दयाराम के छोटे बेटे का नाम राज था और बड़े बेटे का नाम सुखलाल था। जो बड़ा बेटा सुखलाल था वो खेती और घर का काम किया करता था और छोटा बेटा राज अभी कॉलेज में पढाई कर रहा था। फिर एक दिन अचानक दयाराम का किसी बीमारी के वजह से उनका स्वर्गवास हो जाता है। जिस वजह से घर में बहुत ज्यादा तख़लीफ़ आ जाता है फिर जैसे तैसे घर का सारा बोझ बड़ा लड़का उठता है। और छोटा कॉलेज में पढाई करता रहता है। और राज अपना खर्च चलाने के लिए एक छोटी सी जॉब भी करना सुरु कर दिया था। और साथ में पढाई भी किया करता था। और इसी तरह जैसे तैसे उनका जीवन यापन हो रहा था। और जब अपने दोस्तों के साथ कॉलेज आया जाया करता था जिससे वो अब धिरे धिरे पुरानी बातो को भूल कर अब अपने पढाई और काम में मन लगाने लगा था।
फिर एक दिन मुन्नू नाम का एक दोस्त शहर से वापस अपने घर आता है जो राज का बेस्टफ्रेंड था और दोनों में बहुत ही गहरी दोस्ती थी। और जब मुन्नू घर आया तो उसने अपने लिए एक छोटा सा फ़ोन लिया था। और उस फ़ोन को अब राज भी चलाने लगा था। फिर अब सभी रोज सुबह कॉलेज जाने लगे और कॉलेज में जाके अपने बैग अपने क्लास में रखते और फिर इधर उधर घूमने निकल जाते ये उन सब का रोज का काम था फिर एक दिन एक दोस्त ने बोला की चलो यार कुछ नया करते है अब हमारे पास मोबाइल भी चलो रॉन्ग नंबर लगा कर दूसरे लोगो को परेशान करते है। ये बात सुन कर राज उन सब को माना करता है लेकिन उसको बात को कोई नहीं मानता है और सब कहते की राज देखो बहुत मजा आएगा चलो न ऐसा करते है। फिर उसका बेस्टफ्रेंड भी यही बोला की चलो करते मजा आएगा। फिर राज भी मान गया फिर सभी दोस्त इधर उधर का नंबर लगा कर लोगो को परेशान करने लगे और ऐसा करने में उनको मजा भी आने लगा। जिससे अब उन सब का ये रोज का दिनचर्या बन गया था कॉलेज आना बैग क्लास्सरूम में रखना और रॉन्ग नंबर पर कॉल करके लोगो को परेशान करना।
फिर एक दिन अचानक ये सब जैसे ही कॉल लगाए किसी रॉन्ग नंबर तो वो नंबर किसी लड़की का था और जब वो कॉल उठाई और बोली ” हेलो कौन ” इतना सुन कर सभी दोस्त बहुत खुश हुए की ये नंबर तो किसी लड़की का है और एक दोस्त बोला की ” हेलो आप का नाम क्या है ” इसपे लड़की ने बोला की ” तुम कौन बोल रहे हो और मेरा नाम क्यों जानना चाहते हो और कहा से नंबर मिला है तुमको मेरा (गुस्से में बोल रही थी लड़की )” ये सब सुन कर राज के दोस्त डर गए और फ़ोन राज को दे दिए। तो राज भी फ़ोन लेने से मना कर देता है लेकिन दोस्तों ने जबरस्ती से उसको फ़ोन दे दिए और बोले की यार ये तो बहुत गुस्से में बोल रही है एक काम करो तुम ही बात करो इससे। तब राज बोलता है की “हेलो ” तभी लड़की गुस्से में ” मुझे सुनाई दे रहा है कौन बोल रहे हो ” तभी राज बहुत ही प्यार से बोलता है की मै राज बोल रहा हु आप कौन बोल रही है तब लड़की बोलती है की मै आरती बोल रही हु फिर आरती पूछती है की आप को मेरा नंबर कहा से मिला तभी राज बोलता है की ये नंबर मेरे फ़ोन में बहुत ज्यादा दिन से सेभ था । मेरे एक दोस्त के नाम से और मै उसी के पास कॉल लगा रहा था लेकिन ये कॉल आप के पास पता नहीं कैसे लग गया। फिर इसी तरह दोनों में लगभग एक घंटे तक बात हुआ फिर आरती बोलती है की आप फ़ोन रखो मै जा रही हु काम करने तब राज बोलता है की अब कब बात होगी। तब लड़की बोलती है की आप मुझसे क्यों बात करना चाहते है आप ने गलती से कॉल लगाया था। तब राज बोलता है की बिलकुल कॉल तो गलती से ही लगा था लेकिन आप का आवाज इतना अच्छा है की आप से बार बार बात करने का मन कर रहा है। तभी आरती बोलती है की ठीक है आप बाद में कॉल करना मै अभी रखती हु इतना बोल कर आरती कॉल काट देती है।
फिर राज शाम को आरती के पास कॉल किया लेकिन आरती कॉल नहीं उठाती है। तब राज दुबारा कॉल किया फिर भी आरती ने फोने नहीं उठाया तब राज सोचता है की वो जानबूझ कर कॉल नहीं उठा रही है । और राज फ़ोन अपने दोस्त को देके कही चला जाता है फिर कुछ समय के बाद आरती उधर से कॉल करती है तो राज का दोस्त मुन्नू उठाता है कॉल और बोलता है “हेलो ” तब आरती बोलती है “हेलो (और वो उसके आवाज को पहचान जाती है तो पूछती है) आप कौन बोल रहे है राज जी कहा है “तब मुन्नू बोलता है की ये फ़ोन मेरा है और राज यहां नहीं है वो आप के पास काल कर रहा था तो आप ने फ़ोन नहीं उठाया तो वो गुस्सा हो कर कही चला गया है ” तब आरती बोलती है ” मै काम कर रही थी इस लिए फ़ोन नहीं उठा पाई आप राज जी से बात कराइये न ” तब मुन्नू बोलता है की ठीक है “मै अभी कॉल करता हु उसके पास में जाके “आरती बोलती है की ठीक है और फ़ोन काट देती है।
फिर कुछ समय बाद राज मिल जाता है और मुन्नू उसको फ़ोन देके बोलता है की आरती का कॉल आया था उससे बात कर लो और एक काम करो ये फ़ोन भी अपने पास रखो अब क्यों की अब तुम्हारी जिंदगी में बहुत बड़ा खुशी आने वाली है तो उसके लिए फ़ोन तो रखना पड़ेगा न और इतना कह कर वो फ़ोन राज को दे देता है। तब राज आरती के पास कॉल करता है तब आरती फ़ोन उठाती है और बोलती है “हेलो “
तब राज गुस्से में “हेलो कहा थी तुम मै इतनी बात कॉल किया हु फिर भी कॉल नहीं उठाई हो ” तब आरती बोली “अरे आप इतना गुस्सा क्यों हो रहे है मै काम कर रही थी तो नहीं उठा पाई ” तब बोलता है की मुझे लगा की आप मुझसे बात ही नहीं करना छाती है इस लिए नहीं उठा रही है ” तब आरती बोलती है ” अरे नहीं ऐसी कोई बात नहीं है मै आप से बात करना चाहती हु और आप से बहुत ज्यादा बात करना चाहती हु “फिर दोनों आपस में बाते करने लगा जाते है और बात करते करते अचानक राज पूछता है की ” आप का कोई बॉयफ्रेंड है क्या सही सही बताना आप “तब आरती हसने लगाती है और कहती है ” अगर मेरा कोई बॉयफ्रेंड होता तो क्या मै आप से बात करती “” नहीं मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है आप ने ऐसा क्यों पूछा ” तब राज बोलता है की “बस ऐसे ही पूछ लिया” और फिर दोनों बात करने लगते है इसी तरह बहुत दिन तक बात हुआ। फिर एक दिन राज आरती को प्रोपोस कर देता है जिससे आरती भी मान जाती है क्यों की वो भी अब राज से प्यार करने लग गई थी और उस दिन दोनों बहुत खुश थे की उनको उनका प्यार मिल रहा था लेकिन मजे की बात ये थी की अभी तक दोनों में से किसी ने किसी को देखा नहीं था बस फ़ोन पर बात होती थी और फ़ोन पर ही प्यार हो गया था।
फिर एक दिन अचानक चौलपुर से कुछ लोग राज के बड़े भाई सुखलाल को देखने के लिए आते है और सुखलाल को पसंद भी कर लेते है और शादी भी तय हो जाती है लेकिन ये बात राज को नहीं पता था और जो चौलपुर से लोग आये थे वो आरती के घर के ही लोग थे वो आरती की बड़ी बहन की शादी के लिए आये थे और बात आरती को भी पता था की सुखलाल का छोटा भाई राज है और राज को भी ये नहीं पता था की उसके भाई की शादी उसके आरती की बड़ी बहन से तय हो रही है और राज आरती के पास कॉल करता है ये साडी खुश खबर बताता है की मेरे भाई की शादी तय हो गया है अब हम दोनों का भी शादी हो जायेगा भैया के शादी के बाद तभी आरती बोलती है की मेरी भी बहन का शादी तय हुआ है आज ही पापा कही गए थे लड़का देखने तभी राज भी बोलता ही मेरे घर भी सायद आज ही कुछ लोग आये थे लेकिन पता नहीं कहा के थे वो लोग तब आरती भी बोलती है की मुझे भी नहीं पता की पापा कहा गए थे। और कुछ दिन बाद सुखलाल का बारात निकालता है बहुत ही धूमधाम से राज DJ पर डांस करते हुए जाता है अपने दोस्तों के साथ बहुत ही मजे में।
फिर जब बारात उसके दरवाजे पर पहुँचता है तो अचानक राज का फ़ोन बजता है तो वो फ़ोन देखता है तो आरती का कॉल आ रहा था तब वो फ़ोन उठाता है और बोलता है की “हेलो जान क्या हाल है ” तब आरती बोलती है ” ठीक है जान ” राज पूछता है की कहा हो तब वो बोलती है की मैंने तो बताया था न की आज मेरी बहन का शादी है तुमने भी बताया था की आज तुम्हारे भाई का शादी है। तब राज बोलता है “की बारात कहा से आई है तुम्हारे घर “तब आरती बोलती है की” मुझे पता नहीं है रुको पूछ कर बताती हु ” फिर किसी से पूछ कर बताती है ” राज मेरे घर जो बारात आई है वो फूलपुर से आई है ” इतना सुन कर राज सोच में पड़ जाता है की फूलपुर से तो मेरे भाई का बारात गया है. तो इसके घर किसका बारात आ गया फूलपुर से और फिर पूछता है की ” तुम्हारे जीजा का क्या नाम है ” तब आरती बोलती है ” सायद सुखलाल नाम है ” इतना सुनते ही राज आचार्यचकित हो जाता है और खुशी से बताता है की ” सुनो मेरे भाई का नाम सुखलाल है और मेरा ही घर फूलपुर है और मेरे भाई की ही बारात तुम्हारे घर आया है ” इतना सुन कर आरती खुशी से फुले नहीं समाती है और पूछती की सच में तब राज बोलता है की है सच में फिर दोनों एक दूसरे को देखने के लिए ब्याकुल हो जाते है फिर अचानक गुलाबी साड़ी पहने हुए आरती आती है अपने जीजा के पास और बोलती है की मै जीजा जी पास हु तुम कहा हो तब राज बोलता है की साइड में देखो मै भी यही हु। अब दोनों लाइफ में पहली बार आमने सामने थे और दोनों बस एक दूसरे को देखे जा रहे है। और दोनों एक दूसरे को देख बहुत खुश थे।
फिर शादी का रसम पूरा होता है और सब कोई खाना पीना खाता और फिर जब सुबह होता है तो बिदाई का समय आता है उस समय सब लोग रो रहे थे आरती उसकी माँ और उसके पापा तो बहुत ज्यादा ही रो रहे थे। तभी सुखलाल जाता है और सबको चुप करता है की आप लोग रोइये मत आपकी बेटी को हम लोग बहुत अच्छे से रखेंगे और वह बहुत खुश रहेगी तब सब कोई चुप हो जाते है। और आरती की माँ बोलती है की आरती तुम भी अपनी दीदी के साथ चली जाओ उसको वहा पर अकेले अच्छा नहीं लगेगा कुछ दिन तक तब आरती भी बहुत खुश होती है मन ही मन में की चलो राज भी तो वही पर रहेगा हम दोनों को भी समय मिलेगा एक दूसरे से बात करने का और भी बहुत कुछ करने का हम लोग भी साथ में घूमेंगे और मजे करेंगे ये सब सोच कर वो जाने के लिए तैयार हो जाती है।
लेखक :-अर्जुन आइना
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