बीबी बनी भाभी
Bibi Bani Bhabhi
एक बार की बात है एक गांव में एक आदमी रहता था। उसका नाम धनीराम था और धनीराम अपनी बीबी और दो बच्चो के साथ में रहता था धनीराम के बड़े बेटे का नाम श्यामदेव और छोटे बेटे का नाम रामदेव था। धनीराम बहुत ही गरीब आदमी था और मेहनत मजदूरी कर के अपने घर वालो का पालन पोसन किया करता था और अपने बेटो को एक स्कूल में पढ़ाया करता था। और इसी तरह उसकी जिंदगी गरीबी में गुजर रही थी। फिर कुछ समय बाद उसका बड़ा बेटा श्यामदेव जब बड़ा हो जाता है तो एक दिन अपने पापा से कहता है की पापा मै अब कमाने जाऊंगा और वह जाके कुछ पैसा कमा के भेजूंगा ताकि घर की गरीबी दूर हो सके और छोटा भाई भी आगे तक पढ़ सके। फिर उसके पापा ने कहा की ठीक है बेटा जाओ फिर तुम बाहर कमाने।
फिर एक दिन श्यामदेव अपना सामान लेके बाहर चला जाता है पैसा कमाने और फिर वहा पर जाके किसी कम्पनी में काम करने लगता है और महीने महीने पैसा घर पर भेजने लगता है जिससे उसके घर की गरीबी अब दूर होने लगी थी। फिर एक दिन उसके किसी दोस्त ने बताया की तुम एक काम करो तुम विदेश चले जाओ पैसा कमाने वहा पर और ज्यादा पैसा मिलता है। जिससे तुम और जल्दी अमीर बन जाओगे। श्यामलाल भी सोचा की बात तो ये सही कह रहा है क्यों न विदेश जाया जाये पैसा कमाने के लिए। फिर उसने अपने घर पर कॉल किया अपने पापा के पास और फिर सारी बात बताई अपने पापा से तब उसके पापा ने उसे मना किया की नहीं बेटा तुम अपने देश में ही काम करो विदेश जाने की क्या जरुरत है। लेकिन श्यामदेव नहीं मान रहा था तब उसके पापा ने कहा की जब तुम नहीं मानोगे तो ठीक है जावो विदेश। फिर उसके बाद श्यामदेव ने अपना पासपोर्ट बनवाया और विदेश कमाने चला गया और वहा से और ज्यादा पैसा भेजने लगा। फिर धिरे धिरे अब ये लोग अमीर हो गए।
जब दो साल बीत गया उसका विदेश में काम करते करते तो वह वापस अपने देश अपने घर आ गया। और जब अपने घर आया तो उसके घर वालो ने कहा की अब तुम शादी कर लो कब तक तुम्हारी माँ खाना बनाएगी अब तुम शादी कर ही लो। इस पर श्यामदेव सबको मना करता है की नहीं अभी रामदेव पढाई कर रहा है पहले इसको पढाई पूरी कर लेने दो फिर शादी कर लूंगा। तब रामदेव बोलता है की नहीं भैया आप शादी कर लो अब भाभी आएँगी तो अच्छा अच्छा बना कर खिलाएंगी और तब और पढाई में मन लगेगा। अब सबकी बात को सुन कर श्यामदेव बोला की ठीक है कर लूंगा शादी लड़की देखो हो की नहीं। उसकी ये बात सुन कर सब लोग हसने लगते है। और एक दिन सब लोग एक लड़की देखने जाते है लेकिन वह लड़की अच्छी नहीं लगी श्यामदेव को तो वह घर आके उस लड़की को मना कर देता है और इसी तहर वह लगभग बिस लड़की को मना कर चूका था अब उसकी इस रवैया से सब लोग परेशान हो गए की ये ऐसा क्यों कर कर रहा है क्यों किसी को पसंद नहीं कर रहा है। फिर उसकी घर की बगल की भाभी बोली की इतना लड़की को फेल मरना अच्छी बात नहीं। ऐसे लोग को लड़की अच्छी नहीं मिलती है।
फिर एक दिन कुछ लोग उसके घर आये श्यामदेव को देखने के लिए जो लोग आये थे उनके गांव का नाम ज्वालापुर था। जब वह उसके घर आये तो उनका आदर सत्कार हुआ और फिर सब लोग ने लडके को देखा तो सब ने कहा की लड़का तो बहुत सुंदर है। फिर लड़की के पिता जी बोले की ये लड़का मुझे पसंद है मै अपनी बेटी की शादी इसी से करूँगा। उसकी बात को सुन कर श्यामदेव के पापा बोले की ठीक है लेकिन आप अपनी बेटी को भी दिखाइए तब लड़की के पिता ने एक लड़की का फोटो दिखाया। जो देखने में बहुत ही खूबसूरत थी। और जब वह फोटो श्यामदेव ने देखा तो बोला की ये लड़की मुझे पसंद है। फिर लड़के की माँ बोलती है की हम लोग लड़की को पास से देखना चाहते है। तब लड़की के पिता बोलते है की ठीक है आप लोग जब चाहे देखा सकते है। उसके बाद एक दिन लड़की देखने का तारीख और जगह फिक्स होता है और सब लोग अपने घर चले जाते है।
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फिर कुछ दिन बाद सब लोग लड़की को देखने जाते है जिसमे रामदेव भी जाता है और साथ में श्यामदेव भी। फिर सब लोग एक गाड़ी में बैठ कर जाते है। और वहा पर पहुंच जाते है जहा पर लड़की देखने का जगह फिक्स हुआ था। और सब लोग जाके लड़की को देखते है। तभी श्यामदेव की भाभी रामदेव और श्यामदेव दोनों को एक साथ में खड़ा कर देती है और लड़की से बोलती है की बताओ इसमें से कौन है जिससे तू शादी करना चाहती हो। उसके बाद लड़की शर्माते शर्माते रामदेव की ओरअपनी अंगुली दिखा देती है अब इसको देख कर सब लोग हसने लगते है फिर उसके बाद बताते है की लड़का ये नहीं ये है। फिर उसके बाद लड़की के पापा बोलते है की अब लड़की का शादी तय कर दिया जाये। तब लड़के के पापा बोलते है की अभी तो श्यामदेव विदेश जा रहे है 10 दिन में अगले साल शादी होगा जून महीने में। लड़की के पापा बोलते है की ठीक है। फिर उसके बाद सब लोग अपना नंबर का लेन देन करते है और अपने अपने घर चले जाते है
फिर एक दिन ज्योति(दुल्हन का नाम ) का कॉल आता है रामदेव के नंबर पर फिर रामदेव ने कॉल उठाया और बोला की हेलो कौन फिर ज्योति बोलती है की मै ज्योति बोल रही हु। फिर रामदेव बोलता है की नमस्ते भाभी फिर ज्योति बोलती है की खुश रहिये। फिर उन दोनों में बात होने लगा और फिर दोनों एक दूसरे से मजाक करने लगे और फिर कुछ समय बाद ज्योति बोलती है की मम्मी जी कहा है फिर रामदेव फ़ोन अपनी मम्मी को लाके दे देता है। और वह कही चला जाता है। फिर इसी तरह कुछ दिन तक चलता है। और अब धिरे धिरे रामदेव को अपनी भाभी से प्यार होने लगा। लेकिन वह ये बात ज्योति को नहीं बताता है और अपने मन ही मन में प्यार करने लगता है उससे। और उधर ज्योति का भी यही हाल था। वह भी रामदेव को चाहने लगी थी अपने मन ही मन में। और अब श्यामदेव से कम और रामदेव से ज्यादा बात करने लगी फ़ोन पर किसी न किसी बहाने उसे मिलने के लिए बुलाने लगी। कभी किसी जगह तो कभी किसी जगह और दोनों इधर उधर घूमने लगे कभी किसी मॉल में तो कभी किसी सिनेमा हाल में।
फिर एक दिन रामदेव हिम्मत कर के ज्योति से बोलता है की भाभी एक बात बोलू आप बुरा तो नहीं मानोगी न। तब ज्योति समझ जाती है की रामदेव क्या कहना चाहता है और बोलती है कहिये। मै क्यों बुरा मानूंगी और इतना कह कर हसने लगती है। तब रामदेव कहता है की भाभी मै आप से प्यार करने लग गया हु। लेकिन आप की शादी मेरे भाई से होने वाली है तो मै आप से बताने से डर रहा हु। लेकिन आप से बहुत प्यार करता हु। उसको बात सुन कर ज्योति मन ही मन में बहुत खुश होती है। लेकिन अपनी ख़ुशी को छुपाते हुए वह बोलती है। आप ये क्या बोल रहे है। मै आप की भाभी हु और मेरी शादी आप के भाई से तय हुआ है। आप पागल है क्या। आप के भैया को पता चलेगा तो क्या होगा वह बहुत गुस्सा करेंगे। इतना बात सुन कर रामदेव डर जाता है और फ़ोन काट देता है। फिर कुछ समय बाद उधर से ज्योति का कॉल आता है जिसको देख कर रामदेव डर के मारे कॉल उठाता नहीं है। और कॉल कट जाता है तब फिर कुछ समय बाद कॉल आता है। तब रामदेव डरते डरते कॉल उठाता है और बोलता है की हेलो। तब ज्योति पूछती है की कॉल क्यों काट दिए है और मेरा फ़ोन भी नहीं उठा रहे है। तब रामदेव बोलता है मै डर गया था की आप मुझपे गुस्सा हो गई थी तो। फिर ज्योति रामदेव से कहती है की सुनिए न मै भी आप से प्यार कराती हु। लेकिन ये गलत है। मेरी आप के भाई से शादी होगी और मै आप से प्यार करुँगी तो कैसे चलेगा। आप भी मेरे सामने रहेंगे और आप के भाई भी।
फिर रामदेव कहता है की आप उसके लिए परेशान मत हो। मै आप से शादी कर लूंगा। एसपी ज्योति बोलती है ये कैसे होगा मेरी तो आप के भाई से शादी तय हुआ है न। तब रामदेव बोलता है की आप उसका टेंशन मत लो हम लोग किसी मंदिर में जेक शादी कर लेंगे और किसी को बताएँगे नहीं की हमने शादी कर ली है। क्यों की अगर हम लोग बता दिए तो हम दोनों की शादी नहीं हो पायेगी। और इतना बात सुन कर ज्योति बोलती है की और जब ये बात सबको पता चलेगा तब क्या होगा। फिर रामदेव कहता है की जब पता चलेगा तब तक हमारी शादी हो गई रहेगी। तो उसके बाद में जान कर कोई क्या करेग। फिर दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। और फिर एक दिन दोनों ने एक मंदिर में जाके एक दूसरे से शादी कर लेते है और फिर दोनों अपने अपने घर चले जाते है। और सब कुछ फिर पहले जैसा चलता रहता है।
फिर कुछ दिन बाद श्यामदेव भी घर आ गया और उसकी शादी का दिन भी नजदीक आ गया। तो सब लोग कपडा खरीदने जाते है बाजार में तो साथ में रामदेव भी जाता है और वहा जाने के बाद जितना पैसा का कपडा श्यामदेव ने खिरीदा उतना ही पैसे का कपड़ा रामदेव ने भी ख़रीदा और जो जो सामान श्यामदेव के लिए ख़रीदा जा रहा था वह हर एक सामान रामदेव भी अपने लिए खरीद रहा था। लेकिन किसी को ये बात पता नहीं था की ज्योति और रामदेव की शादी हो गई है। सब लोग अपने मजे में शादी की तैयारी कर रहे थे और ख़ुशी ख़ुशी शादी के दिन का इंतजार कर रहे थे। हुए आखिर में वह दिन भी आ जाता है शादी का। सब लोग नहा धो के रेड्डी होते है कार को सजाया जाता है और श्यामदेव को दूल्हा वाला कपड़ा पहनाया जाता है और dj बजने लगता है। सब लोग ख़ुशी में डांस करते हुए ज्योति के घर बारात लेके जाने लगते है और साथ में रामदेव भी अपने भाई श्यामदेव के साथ जाने लगता है और फिर बारात ज्योति के दरवाजे पर पहुंच जाता है। और ज्योति के दरवाजे पर पहुंचने के बाद द्वारपूजा होता है। फिर उसके बाद शादी होती है। लेकिन जो जो भी रसम हो रहा था और जो जो काम पंडित जी श्यामदेव को करने के लिए बोल रहे थे वह सारा काम श्यामदेव से पहले रामदेव कर देता था। लेकिन किसी को भी रामदेव पर सक नहीं हो रहा था। और फिर लास्ट में सेंदुर दान हुआ और फिर श्यामदेव की शादी हो गई। शादी हो जाने के बाद सुबह बिदाई हुई और सब लोग अपने अपने घर चले।
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फिर जब रात को जब श्यामदेव का सुहागरात था तब वह अपने रूम में जाता है और ज्योति के पास बैठा और कुछ कहने जाता है तभी ज्योति उसको सारा बात बता देती है की मेरी शादी पहले ही आप के भाई से हो गई है मै आप के साथ नहीं रहूंगी मुझे आप के भाई के साथ रहना है। अब इतना बात सुनते ही श्यामदेव वही बेहोश होक निचे गिर जाता है। फिर ज्योति उसके मुँह पर पानी मारती है तो वह उठाता है और फिर पूछता है की क्या तुम सही बता रही हो की तुम्हरी शादी हो गई है रामदेव से तब ज्योति बोलती है की सही में मेरी शादी हो गई है आप की कसम इतना सुन कर श्यामदेव उसको एक चटकन मरता है जिससे वह वही पर रोने लगती है। अब उसकी रोने की आवाज को सुन कर उसके घर वाले उसके रूम में आ जाते है। और फिर श्यामदेव से पूछते है की क्यों मारे हो ज्योति को। तब श्यामदेव सारी बात उन सब को बता देता है। और जैसे ये बात उसके घर वाले सुनते है तो सब लोग हक्का बक्का रह जाते है और फिर राम देव को बुलाते है और ये सारी बात उससे पूछते है वह बोलता है की। हा हम दोनों ने शादी कर लिया है बहुत पहले का ही एक दूसरे से। फिर ये बात सुन कर उसकी माँ वही पर रोने लगती है। और बोलती है अगर तुमको ही शादी करना था तो मुझे पहले ही बता दिए होते इतना खर्चा तो बच गया होता है। और फिर उसको सबलोग मरने लगते है और वहा से भगा देते है। और जैसे तैसे रात बीतता है।
फिर सुबह सब लोग नहाने नदी के किनारे जाते है श्यामदेव और ज्योति को लेके ताकि उसके बाद ज्योति पबित्र हो जाये और श्यामदेव के साथ रहने लगे। और रामदेव को नहीं लेके गए थे लेकिन ज्योति रामदेव से कॉल कर के ये सारी बात बता देती है की अगर वह लोग नदी में नहला दिए तो हमदोनो का रिस्ता ख़त्म हो जायेगा कुछ कीजिये। फिर रामदेव बोलता है की तुम टेंशन न लो मै हु न और वह भी बाहर बाहर नदी के किनारे पहुंच जाता है और जैसे ही ज्योति को श्यामदेव को नहलाने के लिए नदी में ले जाते है तभी रामदेव दौड़ते हुए आता है और ज्योति को लेके पानी में कूद जाता है और साथ में नहा लेता है। और फिर वहा से चला जाता है। फिर सब लोग घर आ जाते है और घर पर आने के श्यामदेव रामदेव से कहता है की तुम ऐसे छोड़ दो मैंने इसे शादी किया है तब रामदेव कहता की नहीं मैंने इससे तुमसे पहले से शादी किया है फिर दोनों में मारा पीटी होने लगती है। फिर उसके घर वाले उन दोनों समझाते है तब जाके झगड़ा ख़त्म होता है। और फिट कुछ दिन बाद गांव के पच लोग आते है और पंचायत होती है और पंच सब बोलते है की 6 महीने बाद श्यामदेव तुम इसको तलाक दे दोगे और ये लड़की रामदेव के साथ में रहेगी और इस तरह श्यामदेव की बीबी अब श्यामदेव की भाभी बन जाती है।
लेखक:- अर्जुन आइना
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Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi Bibi Bani Bhabhi
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