मीना रीना और राजू का प्यार

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Mina Rina Aur Raju Ka Pyar

एक भोला नाम का आदमी था। उसकी दो बेटिया थी मीना और रीना। भोला बहुत ही गरीब आदमी था। दूसरे के घर पर काम कर के अपने घर का खर्चा चलाता था। उसके गांव में एक सेठ रहता था उसका एक पुराना घर था गांव में जो अब एकदम टूट चूका था। एक दिन सेठ भोला के घर आये और उससे बोले की जो मेरा घर टूट गया है उसको तुम अब खेत बना दो जो भी वहा पर कचड़ा है सब साफ कर के वहा पर खेत बना दो। तब भोला बोला की ठीक है बन जायेगा। फिर दूसरे दिन भोला अपने साथ में कुछ मजदुर लेके उस मकान के पास गया और उसे साफ करने लगा जो भी वहा पर कचड़ा था सब कुछ वहा से उठा कर कही और रखने लगे। और अब उसको इस घर को खाली कर के उसको खेत बनाने में बहुत समय लग रहा था। फिर धिरे धिरे एक महीना हो गया। एक दिन जो मजदुर थे वह सब किसी काम के वजह से भोला के साथ काम करने नहीं गए। तो उस दिन भोला अकेले ही चला गया। काम करने और काम करने लगा।

फिर जब भोला काम कर रहा था तभी उसको वहा पर एक चकला मिला जो किसी रथ का पहिया था। फिर भोला उस चकला को लेके अपने घर चला आया और अपने घर में एक जगह पर एक लोहे का सरिया गाड़ दिया और उसके ऊपर उस चकला को रख दिया। और फिर उसे जोर जोर से घुमाने लगा। और फिर जब सुबह हुआ तो वह अपने काम पर चला गया और जाके वहा पर खेत बनाने लगा और जब शाम हुआ और भोला घर आने के वहा से निकला तो अपने साथ थोड़ा मिटटी भी लेके घर आया और जब लोग खाना पि लिए तब वह उस चकले के पास गया और उस चकले पर मिटटी रख कर खिलौना बनाने लगा और फिर उसे सूखा कर रख दिया। और जब सुबह हुआ तो अपने काम पर चला गया और शाम को फिर वही काम किया। और अब वह रोज यही काम करता दिन भर खेत बनाता और रात को खिलौना। और फिर उसे सूखा कर रख देता अब इसी तरह करते करते उसके पास बहुत ज्यादा खिलौना हो गया। और उसके बाद उसने अपनी बेटियों को भी बनाना शिखा दिया खिलौना। फिर उसके बाद वह दोनों बहन उसे ले जाके बाजार में बेचने लगी। जिससे अब उसके पास कुछ पैसा होने लगा।

एक दिन की बात है उस गांव के सरपंच ने भोला से कहा की मेरे घर आ जाना कुछ काम है। तब भोला बोला की ठीक है मै आ जाऊंगा लेकिन वह किसी कारण वश सरपंच के घर नहीं जा पाया। जिससे संरपंच में अपने पास बैठे कुछ लोगो से पूछा की भोला को बुलाया हु लेकिन वह आया नहीं है। क्या हुआ है उसको तबियत ख़राब है क्या उसका। तब उसी से में से एक ने कहा की नहीं सरपंच साहब उसको कुछ नहीं हुआ है। और वह तो खिलौने बनाने में मस्त है इसी लिए सायद नहीं आया होगा। फिर सरपंच ने अपने नौकर राजू को उसके घर पर भेजा और कहा की भोला से कह देना की सरपंच ने अपने गाय के लिए एक नाद बनाने के लिए कहा है। वह बना से मेरे घर पर पंहुचा दे। फिर राजू भोला के घर गया लेकिन भोला बाजार गया हुआ था और उसकी दोनों बेटिया घर पर थी। तब राजू ने उसने बोला की जब भोला आये तो उसे कह देना की सरपंच साहब ने कहा की है की उनकी गाय के लिए एक नाद बना दे। फिर दोनों बहनो ने कहा की ठीक है जब पापा आएंगे तो हम लोग बोल देंगे। फिर शाम को भोला जब बाजार से घर आया तो उसकी बेटी ने कहा की पापा राजू आया था। और बॉल की सरपंच के गाय के लिए एक नाद बनाना है। फिर भोला एक एक नाद बनाया और अपनी बेटी से बोला की कल जब स्कूल जाना तो। सरपंच के घर बोल देना की उनका नाद बन गया है। किसी को भेज कर उठवा ले जाये। फिर उसकी बेटी बोली की ठीक है मै बोल दूंगी।

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फिर जब सुबह हुआ तो दोनों बहने तैयार होके स्कूल जाती है। और स्कूल जाते समय सरपंच के घर जाके बोल देती है। नाद बन गया है किसी को भेज के उसको उठवा लाना। फिर बोल कर वह दोनों स्कूल चली जाती है और फिर जब शाम को घर आती है। तब भोला पूछता है की सरपंच के घर पर बोली हो। तब वह दोनों बोलती है है पापा बोले है। फिर भोला बोलता है की ठीक है। फिर सब लोग अपने काम में लग जाते है। फिर जब सुबह हुआ तो भोला ने अपने बेटियों से बोला की आज भी स्कूल जाते समय बोल देना सरपंच के घर पर की आके नाद ले जाये नहीं तो कही यही पर रखे रखे यह टूट न जाये। तब उसकी बेटी बोलती है की ठीक है। और फिर जब स्कूल जाती है तो सरपंच के घर राजू से बोलती है की अपना नाद जाके लेते आवो। और इस बार जब ये बात राजू से बोलती है तो राजू मीना से बोलता है ठीक है लेके आ जाऊंगा। और सुनो तुमसे एक बात करती थी तब मिना बोलती है कहो तब राजू बोलता है मै तुमसे प्यार करता हु। अब इतना सुन कर मीना एकदम चुप हो जाती है। और रीना राजू को गाली देने लगती है। फिर मिना रीना को रोक कर राजू से कहती है राजू मै तुमसे प्यार करती हु। अब मिना की बात सुन कर रीना को बहुत बुरा लगता है क्यों की रीना भी राजू को पसंद करती थी। लेकिन कुछ बोलती नहीं है और अब मन ही मन में वह मिना से जलने लगाती है।

एक दिन की बात है मीना का तबियत ख़राब था तो मीना उस दिन स्कूल नहीं जाती और रीना अकेले स्कूल जाती है। और जब सरपंच के घर के सामने से गुजर रही थी तो तभी राजू को देख लेती है। और फिर मन में कुछ सोच कर वह राजू के पास चली जाती है। और पूछती है सरपंच जी कहा है। तब राजू कहता है। सरपंच जी कही बाहर गए है। और तुम बताओ मीना कहा है तब वह बताती है की मीना का तबियत ठीक नहीं है। और फिर बोलती है की राजू मुझे सरपंच जी का घर अंदर से देखना है मैंने कभी देखा नहीं है। तब अजु बोलता है ठीक है चलो दिखा देता हु। और जैसे ही वह दोनों घर के अंदर जाते है रीना उसको अपने गले से लगा लेती है। तब राजू उसका हाथ छुड़ा कर उसको अपने आप से दूर करता हैए और गुस्से में बोलता है की ये क्या कर रही हो। तब रीना बोलती है की राजू मै तुमसे बहुत प्यार करती हु। तुम मीना को छोड़ दो और मुझसे प्यार करो। लेकिन राजू उसको मना कर के वहा से भगा देता है और रीना वहा से रोते हुए चली गई स्कूल चली जाती है। लेकिन वह मन ही मन ये सोच रही थी की मुझे किसी भी तरह से राजू को अपना बनाना है उसके लिए चाहे मुझे कुछ भी करना पड़े। और यही सब सोचते हुए और रोते हुए स्कूल चली जाती है।

फिर दूसरे दिन भी मीना का तबियत ठीक नहीं हुआ। और रीना अकेले स्कूल जा रही थी। और जब सरपंच जी का घर रास्ते में पड़ा तो वही पर रुक गई। और फिर अंदर के तरफ देखने लगी। लेकिन राजू वहा पर दिखा नहीं क्यों की राजू मीना को देखने उसके घर चला गया था। और जब उसके घर पर पंहुचा तो देखा की मीना एक खटिया पर सोइ है और वहा पर कोई नहीं है। उसके पापा भी नहीं दिख रहे है। तब राजू जाके उससे पूछा की कैसी है तबियत तब मीना ने बताया की तबियत तो थोड़ा बहुत ठीक है लेकिन पूरा ठीक नहीं है। फिर राजू बोलता है की दवा खाई हो तब उसने बताया की है मैंने दवा लिया है। फिर राजू बोलता है मीना एक बात बतानी है तुमको तब मीना कहती है बताओ। फिर राजू रीना की पूरी कहानी बताता है की उसके साथ कैसे कैसे की रीना ने। अब उसकी बात को सुन कर मीना राजू को उल्टा सीधा बोलने लगती है। और कहती है मेरी बहन ऐसा कर ही नहीं सकती वह मुझे बहुत मानती है तुम झूठ बोल रहे हो और मेरी बहन पर गलत इल्जाम लगा रहे तो। तब राजू बोलता है की ठीक है अगर मेरी बात पर विश्वास नहीं हो रहा है तो ठीक है कल जब रीना स्कूल जाएगी न तो तुम उससे पहले ही सरपंच जी घर में आके चुप जाना। और खुद अपनी आँखों से देखा लेना फिर मीना कहती है ठीक है।

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फिर जब दूसरा दिन आया और रीना रोज की तरह स्कूल जाने के लिए रेड्डी हुई और जैसे ही घर से बाहर निकली तब मीना उससे पहले ही सरपंच के घर पर पहुंच कर एक कमरे में चुप कर बैठ गई। और फिर रीना सरपंच के घर के सामने पहुंची तो देखि राजू बाहर खड़ा है। और देखते ही रीना एकदम खुश हो गई और राजू से बोली की राजू मुझे प्यास लगी है थोड़ा पानी पीला दो न फिर राजू बोला की ठीक है चलो घर के अंदर वही पर बैठ कर पानी पि लेना। अब इतना सुनते ही रीना और खुश हो गई। और सोचने लगी की आज फिर एक बार मौका माल आज तो नहीं छोडूंगी राजू को और जैसे ही वह घर में पहुंची और पहुंचते ही उसने राजू को पीछे से पकड़ लिया। और वही पर चुप कर उसकी बहन मीना सब कुछ देख रही थी। और फिर रीना ने वही पुरानी बात बोलने लगी की की तुम मीना को छोड़ दो मुझसे प्यार करो। अब इतना सुनते ही मीना को रहा नहीं गया और बाहर आके उसका बाल पकड़ कर उसको मारने लगी। और उसको गाली देने लगी। और फिर बोली की तुम तो बहन कहलाने के लायक भी नहीं हो। बहन तो वह होती है जो अपनी बहन के कुछ भी कर जाती है। और एक तुम हो की अपनी बहन का की प्यार नहीं देखा जा रहा है। फिर उसको बहुत कुछ सुनाती है। उसके बाद रीना उससे माफ़ी मांगने लगाती है। और कहती है की मुझसे बहुत बड़ी लगाती हो गई है मुझे माफ़ कर दो। आज के बाद मै तुम दोनों के बिच में नहीं आउंगी। फिर राजू और मिना उसको माफ़ कर देते है और उसके बाद सभी लोग ख़ुशी ख़ुशी रहने लगते है

लेखक:- अर्जुन आइना

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