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एक गांव में सुधाकर मास्टर अपने एक बेटे और दो बेटी और अपनी बीबी के साथ में रहते थे। उनके बेटे का नाम मंटू और उनकी बेटीओ का नाम था जूही और नंदनी। तीनो एक ही स्कूल में अलग अलग क्लास में पढ़ते थे। फिर एक दिन मास्टर साहब का एक शहर में पोस्टिंग हो जाती है। जब पोस्टिंग होती है तो मास्टर साहब को अब शहर जाना पड़ता है तो वह जूही और मंटू को लेके शहर चले जाते है और नंदनी और उसकी माँ गांव में रह जाते है। फिर शहर जाने के बाद मंटू और जूही एक कॉलेज में पढ़ने जाने लगते है। और वहा पर धिरे धिरे उनके दोस्त भी बनने लगते है। और सब लोग एक साथ आने जाने लगते है। उनकी ही साथ में एक रवि नाम का लड़का भी पढ़ता था उसी कालेज में और देखने में बहुत ही स्मार्ट था और एक बड़े घर का बेटा था। जिसको देख कर जूही को उससे लव होने लगा और वह उसे पसंद करने लगी। और एक दिन मौका देख कर उसे प्रोपोस कर देती है। फिर रवि ने भी उसे अपना लिया।

फिर एक दिन रवि जूही से बोला की चलो आज हम लोग कही घूमने चलते है। तब जूही पूछती है कहा जाना है घूमने। तब रवि बोलता है की ऐसी जगह जाना है जहा कोई आता जाता नहीं हो। बस मै और तुम हो तीसरा कोई नहीं हो। तब जूही हँसने लगती है और कहती की पागल ऐसा कौन सा जगह है जहा कोई आता जाता नहीं है। फिर रवि बोलता है की तुम चलो तो सही। फिर वह दोनों रवि के बाइक पर बैठ कर कही बहुत दूर चले जाते है। और फिर वही पर बैठ कर कुछ खाते पीते है। लेकिन रवि जूही को किसी और काम के लिए लेके आया था। और जूही को ये बात पता भी नहीं था। फिर जब वह पानी पि रही थी तभी उसमे रवि ने नसे की गोली डाल दी थी। और जैसे ही जूही वह पानी पीती है वही पर बेहोश हो जाती है। फिर उसके बाद रवि उसे वहा से उठा कर एक होटल में जाता है और वही पर उसे बेच देता है किसी तबायप के कोठे पर। फिर जब जूही की आँख खुली तो वह देखती है की एक होटल के अंदर है और वहा पर बहुत सारी छोटी छोटी लडकिया है और कुछ औरत है जो उन बच्चियों को तैयार करा रही है। फिर जूही वहा से भागने की कोशिश करती है तब वहा से गाड़ थे वह उसे पकड़ लेते है। और अपने मालिक के पास लेके जाते है। तब वह औरत उसको सारी बात बताती है की तुम अब बिक चुकी हो हमारे हाथ। तुम्हारे आशिक ने एहि पर तुम्हे बेच दिया है अब तुम कही नहीं जा सकती हो। फिर जूही रोने लगती है। और उनका पैर पकड़ने लगती है। लेकिन उसकी बात कोई नहीं सुनाता है।

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और इधर मंटू और उसके पिता जी दोनों लोग उसे ढूढ़ रहे थे की जूही कहा गई अभी तक वापस नहीं आई। फिर उन दोनों ने पोलिश स्टेशन गए और वहा पर F i r लिखवाया तब पोलिश वालो ने कहा की ठीक है जब आप की बेटी मिल जाएगी तो हम लोग आप के घर पंहुचा देंगे। उनकी बात को सुन कर मंटू समझ गया की ये सब कुछ नहीं करेंगे मुझे ही कुछ करना पड़ेगा। फिर यही सब सोच कर वह खुद ही उसको ढूढ़ने का प्लान बनाया और उसे इधर उधर खोजने लगा। और बहुत तलाश के बाद भी जूही उसको नहीं मिली और मिलती भी कैसे क्योकि अभी तक तो जूही को किसी दूसरे शहर में शिप्ट कर दिए थे कोठे वाले। और इस बात से अनजान मंटू उसे अपने शहर की गली गली में चौराहे पर ढूढ़ रहा था। और इसी बिच में उसको एक बहुत बड़ा डॉन मिला जो अपने घर दारू पि के जा रहा था। तभी उसके ऊपर कुछ गुंडों ने हमला कर दिया जिससे मंटू ने उसे बचा लिया और उसको उसके घर पर पंहुचा दिया। जिससे अब वह डॉन भी मंटू को बहुत मानने लगा और बोला की मंटू भाई तुमको किसी भी प्रकार की जरुरत हो तो मुझसे बोलना मै तुम्हारी मदद करूँगा। तब मंटू ने अपनी बात उससे बताई तब वह डॉन बोला की तुम टेंशन मत लो भाई मै पूरी सहायता करूंगा तुम्हारी तुम चिंता मत करो तुम्हारी बहन मिल जाएगी।

फिर एक दिन मंटू अपने घर पर बैठा था तभी उसके पास एक फ़ोन आया तब मंटू ने वह कॉल उठाया और बोला की कौन। तब उधर से आवाज आया की मै डॉन बोल रहा हु। तुमसे एक काम था करोगे क्या। तब मंटू बोला की जी बताइये तब डॉन ने कहा की तुमको एक दूसरे शहर में मेरा कुछ सामान लेके जाना है। और वहा पर एक विजय नाम का लड़का है उसको ये सामान देना है। तब मंटू मन कर देता है। लेकिन फिर डॉन बोलता है की जाओ सायद तुम्हारी बहन भी उधर मिल जाये। तब फिर मंटू उसका सामान लेके दूसरे शहर में पहुंच जाता है और जो सामान था वह सामान विजय को दे देता है। तब विजय बोलता है की मंटू आज रुको मेरा यहां कहा जाओगे अभी। तब मंटू बोलता है की देखो भाई मै यहां पर अपनी बहन को ढूढने आया हु। क्या तुम मेरी कुछ मदद करोगे। तव विजय बोलता है की ठीक है बताओ क्या मदद चाहिए
तब मंटू उसको अपनी बहन के बारे बताता इतना सुनते ही विजय भी मंटू का साथ देने के लिए तैयार हो जाता है। और बोलता है की तुम मेरे ही साथ रहो हम दोनों मिल कर तलाश करेंगे तुम्हरी बहन का। तब मंटू भी उसके साथ में रहने लगता है।

एक दिन शाम को दोनों लोग खाना बना रहे थे और जब खाना बन गया तो दोनों खाना खाने जा रहे थे तभी अचानक विजय के जेब में से एक फोटो जमीन पर गिरा जिसको उसके झट से उठा लिया। तब मंटू ने पूछा की किसका फोटो है भाई। तब विजय बोला की यार तुम को तो पता ही है की मै क्या काम करता हु उसी में से एक लड़की का फोटो है नाम है चांदनी और मार्केट में एकदम नई नई आई है और बहुत सुन्दर है भाई। फिर मंटू बोलता है की दिखाना भाई एक बार तब विजय उसको वह फोटो दिखाता है और जैसे ही वह फोटो मंटू देखता है और एकदम जमीन पर गिर जाता है। तब विजय उसके ऊपर पानी मारता है तब वह उठता है। तब विजय पूछता है क्या हुआ तुम इसको देखते जमीन पर कटो गिर गए। तब मंटू रोने लगता है और कहता है की भाई ये कोई चांदनी नहीं है इसका नाम जूही है और यही मेरी बहन है जिसको मै इतने दिन तलाश कर रहा था। फिर विजय कहता है क्या तुम सच में बता रहे हो की यही तुम्हरी बहन है। तब मंटू कहता है की भाई मै सच्ची में बता रहा हु। और फिर कहता है की विजय भाई मुझे इससे मिलाना है। कुछ भी करो बस मेरी बहन से मिला दो। फिर विजय कहत है की देखो भी जो भी लड़की इस लाइन में आ जाती है उसको वापस ले जाना बहुत ही मुसकिल है। और तुम तो मात्र एक लडके हो और वहा पर उसके पीछे बहुत सारे लोग होंगे उसको कैसे छुड़ा कर ले जाओगे। तब मंटू बोलता है की भाई बस तुम उससे मिला दो मै उसे वहा से कैसे भी ले के चला जाऊंगा

फिर दूसरे दिन जब शाम होता है तो विजय और मंटू उसी होटल में जाते है जहा पर जूही को रखा गया था और वहा पर जाके विजय उस होटल के मालिक से बात करता है और फिर एक रात के लिए जूही को बुक कर लेते है। और फिर वह दोनों उसी होटल के एक रूम में चले जाते है। और जब जूही आती है उनके कमरे में तो वह अपने भाई को देख कर जोर जोर से रोने लगती है। तब मंटू उसको चुप कराता है और कहता है तुम टेंशन मत लो अब मै आ गया हु। तुमको कैसे भी छुड़ा कर ले जाऊंगा यहां से। लेकिन तुम ये बताओ की ये सब कैसे हुआ तुम यहां पर कैसे आ गई। तब वह सारी बात बताती है की कैसे उसको किसी से प्यार हुआ और कैसे उसने उसको बेच दिया। तब विजय कहता है की तुम टेंशन न लो बहन हम दोनों है न तुमको यहां से कैसे भी छुड़ा ले जायेंगे। उससे पहले उस रवि के बच्चे को ख़त्म करना है फिर इन से निपट लेंगे। और फिर दोनों वहा से चले जाते है। और अपने शहर वापस आ जाता है मंटू और फिर उस डॉन से मिलता है जिसने उसको वहा पर भेजा था। और सारी बात उसको बताता है और कहता है की मुझे रवि को जान से मारना है। तब डॉन बोलता है की तुम उसका टेंशन मत लो मै उसको किसी और से मरवा दूंगा तुम एक काम करो तुम अपने घर जाओ और कल सुबह हम और तुम और मेरी पूरी टीम वहा पर चलेंगे जहा पर तुम्हरी बहन है।

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फिर जब सुबह हुआ तो सब लोग एक गाड़ी में बैठ कर और कुछ हथियार लेके उसी होटल में पहुंच जाते है जिस होटल में जूही को रखा गया था। और उधर विजय भी अपनी टीम को लेके उसी होटल में पहुंच गया था पहले से ही। और फिर विजय जाके उसी लड़की जूही को फिर एक रात के लिए बुक करता है। और जब शाम होता है। तो फिर जूही आती है मंटू के कमरे में और जब वहा आती है तो देखती है वहा पर तो बहुत सारे लोग है। तब वह पूछती है भैया ये लोग कौन है। तब मंटू बताता है की आज रात तुमको यहां से भगा ले जायेंगे तुम आज आजाद हो जावेगी बहन और आज मेरी तलाश भी खत्म हो जाएगी। फिर जैसे ही बारह बजता है अब सब लोग अपना अपना हथियार लेके तैयार हो जाते है। और फिर एक साथ ही सब लोग बाहर आ कर फायर करने लगते है जिसमे वहा का मालिक और बहुत सारे नौकर भी मारे जाते है। और फिर मंटू अपनी बहन को लेके वहा से अपने घर चला आता है।

इसी लिए कहा जाता है अगर भाई अपने बहन के साथ है तो उसे कोई कुछ नहीं कर सकता क्यों की वह अपनी बहन की हिफाजत के लिए किसी की जान ले सकता है और जरूरर पड़े पर जान दे भी सकता है।

लेखक:- अर्जुन आइना

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