जादूगर का बदला
jadugar ka badala
मन्नू अपने माता पिता और दो भाई बहन के साथ एक शहर में रहता था। मन्नू पढ़ने में बहुत ही तेज था। और उसके घर वाले उसे बहुत प्यार करते थे। क्यों की वह घर में सबसे छोटा था। उसके घर वाले उससे इतना प्यार करते थे की उसके पुरे जीवन में उसे कभी डाटा या मारा नहीं था उसको। और मन्नू भी बहुत अच्छा लड़का था वो भी सबका बहुत इज्जत करता था। एक दिन की बात है। जब मन्नू 12 साल का हो गया और वो जब वह 8 क्लास में पढ़ रहा था तो। उसके पापा ने उसे एक सायकिल खरीद कर दिया। जिससे मन्नू बहुत खुश हुआ और अब वह रोज सायकिल से पढ़ने आने जाने लगा। और ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन यापन कर रहा था।
एक दिन जब वह एक चौराहे पर गया था कुछ सामान खरीदने के लिए तभी वहा पर एक आदमी आया और बोला की बेटा अपनी सायकिल देना अभी मै अपने घर से आ रहा हु। तब तक तुम अपना सामान खरीदो। मन्नू को लगा की अभी मुझे सामान खरीदने में समय लगेगा तब तक तो ये वापस आ ही जायेगा। तो उसने सायकिल उसको दे दिया। और अपना सामान खरीदने लगा। और फिर जब अपना सामान खरीद लिया और बहुत ज्यादा समय भी हो गया। लेकिन वह आदमी वापस नहीं आया। तो अब मन्नू को संका हुआ उसे लगा की मेरा सायकिल चोरी हो गया। लेकिन वह वही पर इंतजार करता रहा और इंतजार करते करते शाम हो गया लेकिन वह आदमी वापस नहीं आया। तब उसे लगा की मेरा सायकिल चोरी हो गया। और वह वहा से रोते हुए अपने घर आ गया। और जब घर आया तो उसके पिता ने उसे बहुत मारा और गाली दिया और बोले की तुम इतने पढ़े लिखे और एक होसियार लड़का हो तुमने ये गलती कैसे कर दी। और फिर उसे मारने लगे। फिर मन्नू को ये बात इतना बुरा लगा की वह अपने आप को खत्म करने का फैसला ले लिए और मरने के लिए वह उसी रात को अपने गांव के बगल में जो रेलवे स्टेशन था वहा पर चला गया और पटरी पर जा के लेट गया मरने के लिए।
जब वह पटरी पर लेटा था मरने के लिए तभी संयोगवश उसी पटरी के किनारे से उसी समय एक जादूगर अपने घर जा रहा था और जब वह उसके पास पंहुचा तो देखा की एक लड़का पटरी पर लेटा हुआ है। तब वह जादूगर उसको वहा से उठाता है और उससे पूछता है तुम कौन हो बेटा और यहां पटरी पर क्यों लेटे हो अभी ट्रेन आएगी तो तुम कट जावोगे उससे। तब मन्नू ने सारी कहानी उस जादूगर से और बोला की मै ऐसी लिए दुनिया छोड़ कर जाना चाहता हु। और बोला की जो पिता मुझे आज तक कभी नहीं बोले थे आज उन्होंने मुझे मारा वो भी एक सायकिल के लिए अब मुझे जीना नहीं है। मै मरने जा रहा हु। तब उस जादूगर ने उसे बहुत समझाया और बोला की बेटा तुम अपने घर चले जावो सब लोग तुम्हे खोज रहे होंगे। तब मन्नू बोलता है की नहीं मै घर नहीं जाऊंगा। फिर वह जादूगर बोला की ठीक है अगर अपने घर नहीं जावोगे तो मेरे साथ चलो मेरे घर वहा पर रहना लेकिन आत्महत्या मत करो। फिर मन्नू पूछता है की आप का क्या नाम है। तब वह जादूगर बताया की मेरा नाम शम्भू है। फिर मन्नू शम्भू के साथ उसे घर चला जाता है।
People also Read…सौतेली माँ और बेटा
और जब दोनों घर पहुंचे तो बहुत ज्यादा रात हो गई थी। और शम्भू की पत्नी भी उसका इतंजार कर रही और जब घर गए तो उसने देखा की उसके साथ में एक लड़का भी है। तब उसने पूछा की ये कौन है। तब शम्भू ने सारी बात उसको बताई और कहा की अब मन्नू भी हम लोग के साथ ही रहेगा। फिर उसकी बीबी ने दोनों के लिया खाना लगाया और दोनों ने खाना खाया। और फिर सो गए। और जब सुबह हुआ तो शम्भू बोला की मै अब कही जा रहा हु जादू दिखने तुम घर पर ही रहना। तब मन्नू बोला की नहीं मुझे भी चलना है आप के साथ मै भी चलूँगा और जादू सीखूंगा तब शम्भू बोला की थी है चलो। फिर दोनों एक गांव में चले गए और वहा पर शम्भू जादू दिखाने लगा और मन्नू देख कर सीखने लगा और धिरे धिरे वह भी जादू दिखाने लगा। फिर एक दिन शम्भू ने मन्नू को एक मन्त्र बताया जिससे वह किसी भी चीज को कोई भी रूप दे सकता था। जैसे की चूहा ,बिल्ली,घोडा ,इंसान कुछ भी बना सकता था उस मन्त्र से। और फिर शम्भू ने कहा की एक बात जीवन में हमेशा याद रखना की ये जो मन्त्र दे रहा हु इसको कभी भी किसी को मत बताना चाहे कुछ भी जाये। नहीं तो तुम्हे बहुत परेशानी होगी। तब मन्नू बोला की ठीक है मै नहीं बताऊंगा किसी को।
जिस दिन से उसे वह मन्त्र मिला था उस दिन से ही अब मन्नू के मन में एक लालच बैठ गया और वह सोचने लगा की अब मुझे अपने गुरु से भी बड़ा जादूगर बनाना है। और यह तभी होगा जब मेरे गुरु जी नहीं रहेंगे। फिर एक दिन मौका देख कर उसने अपने गुरु जी को ही एक साप बना दिया और उसको एक पिटारी में लेके चल दिया। और फिर गांव गांव में घूम घूम कर जादू दिखाने लगा और धिरे धिरे अब मन्नू का बहुत नाम होने लगा। और वह वहुत बड़ा जादूगर बन गया। फिर वह बहुत खुश था इतना बड़ा जादूगर बन कर। और एक दिन वह जादू दिखाते दिखाते वह एक शहर में पहुंच गया। और वहा एक लडके से उसका भेट हुआ और दोनों में धिरे धिरे दोस्ती हो गया। और अब वहा लडक भी मन्नू के साथ रहने लगा। और अब मन्नू जादू दिखाता और उसका दोस्त जो भी पैसा और खाने का सामान मिलता उसको एक झोला में रखने लगा और फिर बाद में मन्नू इसको कुछ पैसा और खाने का सामान दे देता और फिर दोनों खा पीकर सो जाते और होते सुबह फिर किसी गांव में निकल जाते और इसी तरह बहुत दिन तक चला। फिर एक रात को जब दोनों सोये थे। तब उसका दोस्त सोचा की क्यों न मुझे भी जादू सीख लेना चाहिए ताकि मै भी एक अच्छा खासा पैसा कमा सकू। फिर जब सुबह हुआ तो उनसे मन्नू से बोला की भाई मुझे भी जादू शिखावो न मै भी चाहता हु की मै भी कुछ करू ताकि दोनों लोग मिल कर और ज्यादा पैसा कमा सके। मन्नू बोला की ठीक है।
फिर जब सुबह हुआ तो मन्नू ने उसको कुछ मन्त्र बता और बोला की आज तुम जादू दिखाना मै देखूंगा और जो मिलेगा वह मै सबसे लूंगा और झोला में भरूंगा तब उसका दोस्त बोला की ठीक है। और फिर दोनों एक गांव में गए और वहा पर जादू अब उसका दोस्त दिखा रहा था। और मन्नू सब कुछ ले रहा था जो लोग दे रहे थे। और फिर सब लोग जादू देख कर ताली भी बजा रहे थे जिसको देख वह बहुत खुश हो रहा था मन ही मन में। फिर जब सैम हुआ तो मन्नू के दोस्त ने कहा की भाई मुझे और भी कुछ शिखावो आज मुझे बहुत मजा आ रहा था। जब सब लोग ताली बजा रहे थे मेरे लिए तो। तब मन्नू बोला की कोई बात नहीं मै तुम्हे और भी कुछ जादू सीखा देता हु और फिर वह उसे और भी कुछ जादू सीखा दिया। और अब दोनों जादू दिखाने लगे। और अब दोनों बहुत ज्यादा पैसा कमाने लगे और फिर एक दिन अब मन्नू बोला की तुम्हे मै एक और जादू बताता हु जिससे तुम किसी को भी कुछ भी बना सकते हो। और फिर उसने वह जादू भी अपने दोस्त को सीखा दिया और उसे भी बोला की तुम किसी को ये मत बताना नहीं तो तुमको बहुत ज्यादा नुकसान हो जायेगा।
People also read….पुजारी बना गैंगस्टर
फिर एक दिन अचानक वह दोनों अपने गुरु शम्भू जी के गांव पहुंच जाते है और जब वहा जाते है तो शम्भू की पत्नी मन्नू को पहचान जाती है। और फिर अपने घर लेके चली जाती है। और उससे पूछती है। की शम्भू जी कहा है। उसी दिन तुम दोनों नहीं दिखे कहा चले गए थे। तब मन्नू ने उससे झूठ बोला और कहा की गुरु जी पता नहीं कहा चले गए मुझे छोड़ कर उसी दिन और मै एक शहर में चला गया। और वही पर जादू दिखाने लगा। फिर शम्भू की पत्नी ने दोनों को खाना खिलाया और बोला की तुम दोनों यही मर सो जावो। फिर उसी रात को उसकी सपने में आ के बताया की मन्नू ने मेरे साथ धोखा किया है और मुझे साप बना दिया है। और अपने साथ में लेके घूमता है। फिर उसकी पत्नी धिरे से उठी और देखि तो सही में एक साप था। फिर उसको विश्वाश हो गया की सही में मन्नू ने साप बना दिया है उसके पति को। फिर वह मन्नू के दोस्त जो जगाई और सारी बात बता दी उसको की कैसे उसने उसके पति को साप बनाया है। फिर मन्नू के दोस्त ने उस साप को फिर अपने मंत्र से आदमी बना दिया और अब दोनों ने मिल कर मन्नू को एक पेड़ में बाढ़ दिया और दोनों ने उसे बहुत मारा पीटा और कहा की तुमने अपने गुरु के साथ छल किया है तुमको कभी भी माफ़ी नहीं मिलेगी। मन्नू दोनों से माफ़ी मांगता रहा लेकिन दोनों ने मिल कर उसे एक तोता बना दिया और एक पिजरे में कैद कर दिया।
इसी लिए कहा जाता है। की अपने गुरु, अपने दोस्त ,अपने परिवार , से कभी भी धोखेबाजी नहीं करनी चाहिए क्यों की जब समय करवट लेटा है तो सब कुछ खत्म कर देता है और इस तरह मुन्नू को उसके किये की सजा मिल गई। इसे कहते है जैसी करनी वैसी भरनी।
लेखक:- मुन्ना मौर्या
Read Also…
jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala jadugar ka badala
4 thoughts on “जादूगर का बदला”