तिरियाचरित्र भाग-2

8
Tiriyacharitra part-2

सोनू जब बड़ा आदमी बन जाता है तब पुरे राज्य में खलबली मच जाता है। और राजा भी मिलने का कोशिश करने लगता है और सोचता है की सोनू इतना बड़ा आदमी कैसे बन गया। और फिर इसी राज को जानने के लिए एक दिन राजा एक भिखारी का भेष बना कर उसके घर को देखने जाते है और देखते है की सही में सोनू का बहुत बड़ा घर बन गया है। फिर राजा को विस्वाश हो जाता है की सही में सोनू एक बड़ा आदमी बन गया है। और उसी राजा की एक बेटी थी जिसका नाम सुकन्या था वह बहुत ही सुन्दर थी। और राजा सुकन्या का शादी भी करना चाहते थे लेकिन कोई अच्छा लड़का नहीं मिल रहा था। और फिर एक दिन राजा एक सयंबर रहते है जिसमे ये शर्त था की जो मेरे घर से लेके और अपने घर तक एक हवा में पुल बना देगा उसी से मै अपनी बेटी की शादी कर दूंगा। और ये शर्त कोई भी राजा पूरा नहीं पाता है सुकन्या की शादी नहीं हो पति जिससे राजा भी बहुत दुखी थे। तभी किसी तरह ये बात सोनू को पता चलता है तो वह राजदरबार में जाता है और राजा से कहता है की मै शर्त पूरा कर दूंगा। ये बात सुन कर जितने भी लोग दरबार में थे सभी लोग जोर जोर से हसने और बोले की तुम क्या चीज हो की तुम ये काम कर दोगे जावो घर जावो अपने घर। तभी राजा बोलते है की ठीक है जाओ जिस दिन पुल बन जायेगा उस दिन बता देना मुझे मै शादी करा दूंगा तुमसे। फिर सोनू बोलता है की ठीक है कल सुबह तक पुल तैयार हो जायेगा और कह कर चला जाता है अपने घर। और फिर जब शाम होता है तब सोनू अपने चुल्ह पर उसी मड़ी को रख कर बोलता है ये मड़ी मेरे घर से लेके राजा के महल तक एक हवा में पुल तैयार कर दो सुबह तक कैसे भी।

फिर मड़ी सोनू की बात सुन कर रातो रात सोनू के घर से लेकर राजा के महल तक हवा में पुल को तैयार कर देती है। फिर जब सुबह राजा सो के उठते है तो देखते है की उनके महल से लेके सोनू के महल तक एक हवा में पुल तैयार हो गया है। इसको देख कर सोच में पड़ जाते है ऐसा कैसे हुआ। और ये देख कर राजा बहुत खुश होते है और अपने शर्त के अनुसार वो सोनू की शादी सुकन्या से करने के लिए तैयार हो जाते है और शादी भी हो जाता है।और फिर सोनू सुकन्या को लेके अपने घर जाता आता है और उधर जो राजा के महल में जो भी मंत्री और संत्री थे वो सब ये पता लगाने में बिजी थे की सोनू ये काम किया कैसे वो भी रातो रात। और सोनू अपनी बीबी के साथ ख़ुशी से जीवन बिता रहा था और इसी तरह धीरे धीरे एक साल गुजर गया। फिर एक दिन सोनू की बीबी सोनू से कहती है जो अपने घर के बगल में तालाब है उसमे एक शिव जी का मंदिर बनवा दीजिये। सोनू कहता है की ठीक है मंदिर बन जायेगा और फिर जब शाम होता है। तब सोनू फिर अपने चून्हे के ऊपर मड़ी को रख कर कहता है की ये मड़ी तालाब के बगल में एक मंदिर बना दो। फिर क्या था मड़ी ये बात सुनते है रातो रात वह पर एक मंदिर बना देती है। और जब सोनू जब ये सब कर रहा होता है तभी सुकन्या ये सब देख लेती है।

और जब मंदिर बन जाता है उसको देखने के लिए बहुत साधु संत आते है और उस मंदिर को देख कर बहुत खुश होते है और वह पर पूजा पाठ करते है। फिर रोज सुकन्या उसी मंदिर में अब पूजा करने जाने लगी। और इसी तरह धिरे धिरे एक साल बीत गया और उधर राजा सोनू की मेहनत को देख कर बहुत खुश होते है और अपना आधा राजपाठ सोनू को दे देते है और कहते है सोनू अब मै बूढ़ा हो चूका हु अब मै पूरा राज्य नहीं समालः सकता आधा राज्य अब तुम सम्हालो और ऐना कह कर वो सोनू को आधा राज्य दे देते है। जिसको पा कर सोनू बहुत खुश होता है।

फिर एक दिन अचानक एक सन्याशी आता है राजा के दरबार में और राजा से कहता है हे राजन मै एक अकेला सन्याशी हु मेरे रहने का कोई ठिकाना नहीं और मैंने आप के बारे मै बहुत सुना कृपया करके मेरे रहने का कुछ करे। फिर राजा कहते है की ठीक है तुम पास के शिव जी मंदिर मै चले जावो और वही रहना और अपना भजन कृतन करना वही पर। फिर वह सन्याशी शिव की मंदिर मै चला जाता है और वही रहने लगता है। फिर एक दिन सुकन्या मंदिर मै पूजा करने जाती है जिसको देख कर वह सन्याशी उसपे मोहित हो जाता है। और सोचने लगता है की काश ये मुझे मिल जाती तो कितना अच्छा रहता फिर ऐसा ही चलता रहा तभी एक दिन जैसे सुकन्या मंदिर मै गई और देखती है की वो सन्यासी मंदिर मै पूजा कर रहा है जिसको देख कर सुकन्या बस उसको देखने लगती है। और देखते देखते सुकन्या के दिल मै भी उस सन्याशी के लिए प्रेम उभरने लगता है। और जैसे तैसे उन दोनों मै मिलन चालू हो जाता है। और रोज इसी तरह सुकन्या पूजा करने के बहाने आती और उस सन्याशी के साथ पूरा दिन बिताती। और अब सुकन्या रात मै भी सन्याशी के पास ही रहने लगी और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। लेकिन ये बात किसी को भी पता नहीं था।

तभी एक दिन एक रात बहुत सारे चोर आते है सोनू के घर चोरी करने और जैसे ही वो सब मंदिर के पास से गुजरते है तो देखते है की सुकन्या और सन्याशी दोनों एक दूसरे से मिल रहे है। और वह बिना कुछ कहे सोनू के घर चले जाते है और चोरी कर के सारा सामान उठा ले जाते है। और जब वो वापस जारी थे चोरी कर के तभी एक चोर सोनू के एक दरबान से ये सारी बाटे बता देता है की सुकन्या सन्याशी के साथ प्यार कर रही थी मंदिर के अंदर। तब दरबान जा के सारी बाते राजा से बता देता है। और जब दरबान ये बात राजा से बता रहा था तो वही पर एक औरत थी जो ये सब बात सुन लेती है और वो औरत सुकन्या को बहुत प्यार कराती थी जिससे उसने सोचा की अब राजा उसे बहुत बड़ी सजा देंगे तभी वो सुबह होने से पहले ही सुकन्या को आके सारी बात बता देती है। फिर सुकन्या उसी रात को सोनू की मड़ी को और सन्यासी को लेके वहा से सात समुन्द्र पार पाताल पूरी मे भाग जाती है। और जब सुबह होता है तो सोनू और राजा दोनों देखते है सुकन्या और सोनू कही दिख नहीं रहे है तब राजा सोनू ये सारी बात बताते है और कहते है की लगता है की दोनों कही भाग गए है और फिर अपनी सेना को बोलते है उन दोनों को ढूढ़ कर लावो जहा कही भी छुपे हो वो दोनों इतना सुनते की उनकी सेना उन दोनों को चारो तरफ ढूढने लगाती है।

और सोनू भी उसे खोजने के लिए निकल गया और बहुत दिन तक उसको खोजते रहा बहुत सारे राज्य मे उसे खोजा लेकिन सुकन्या कही नहीं मिल रही थी। तभी उसको अपने दोस्तों की याद आई की मेरे जो पुराने दोस्त है उन सब की मदद लेता हु सायद वो उसे खोजने मे मदद कर। फिर सोनू सबको बारी बारी से पुकारने लगा। फिर उसके सभी दोस्त जैसे चूहा , बिल्ली ,तोता और भी जो दोस्त थे सभी वहा उसके पास आ जाते है। तब सारी बाते सोनू उनको बताता है। तब तोता बोलता है की मै रास्ता बता सकता हु की किधर से गए है लेकिन मुझे ये नहीं पता है की कहा गए है और ये बात बिल्ली बता सकती है की वो कहा गए है तब बिल्ली बताती है की वो दोनों पातालपुर मे पहुंच गए है। और पातालपुरी सात समुन्द्र पार है। और बिल्ली कहती है की चलो हम लोग एक साथ पहुंचेंगे वहा पर। फिर सब दोस्त उसके साथ चल देते है फिर कुछ दूर जाने के बाद तोता बोलता है भाई अब मुझे बिदा करो मै बस यही तक जा सकता हु। इससे आगे मै नहीं जा पाउँगा। क्यों की आगे समुन्द्र है और वह वहा से वापस आ जाता है।

तभी कछुआ बोलता है आप लोग मिल कर एक नाव बनाओ और सब लोग उसमे बैठ जाना मै अपने पीठ पर रख कर उसे आगे ले जाऊंगा। तब सभी ने मिलकर एक नाव बनाया और फिर सब कोई उसपे बैठ गया और कछुआ उसे लेके आगे चल दिया। और फिर कछुआ उसे लेकर वो सात समुन्द्र पार लेके चल देता है। और जब वो सात समुन्द्र पार पहुंच जाते है तो देखते है की एक बहुत बड़ा घर है जिसके अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं है। फिर सभी सोचते है की हम लोग अंदर कैसे जायेंगे तभी चूहा बोलता है की रुको मै इसके अंदर से एक बिल बना देता हु और फिर वह एक बिल बना देता है घर के अंदर और जब बिल बन जाता है तब सभी उसी रास्ते अंदर जाते है और जैसे ही अंदर पहुंचते है सबसे पहले सोनू उस मड़ी को खोजता है और फिर देखता है की मड़ी एक तकिये के निचे है और उसपे सुकन्या और सन्यासी सोये है फिर सोचता है की मड़ी को कैसे निकाले तभी चूहा सन्याशी के पास मे जाता है और उसके नाक मे अपना पूछ डालता है और जैसे ये पूछ डालता है तो सन्यासी उठ कर बैठ जाता है और जैसे बैठा ता है तो बिल्ली कूद कर मड़ी को अपने मुँह मे ले लेती है और सोनू को ला के दे देती है फिर सोनू उन दोनों को बंदी बना लेता है और राजीदरबर मे लेके आता है और राजा के सामने हाजिर करता है फिर राजा उन दोनों को काला पानी की सजा दे देते है और सोनू फिर अपनी माँ के साथ अपने घर मे ख़ुशी ख़ुशी रहने लगता है

लेखक:- अर्जुन आइना

Read Also….